Tuesday, December 30, 2008

छत्त्ाीसग़ढ में रमन प्रभाव

प्रदेश में न नक्सिलयों की चली और न ही कांग्रेसियों की बल्कि स्थानीय मुद्दों के सहारे भाजपा दूसरी बार सत्ता में लौटी है। 90 विधानसभा सीटों में से 50 सीटें भाजपा को मिली हैं। कांग्रेस की झोली में 37 सीटें गयी हैं। वैसे तो भाजपा को वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भी 50 सीटें हासिल हुई थीं और 39.26 फीसदी मत प्राप्त हुआ था वहीं इस बार उसका वोट बैंक ब़ढकर 40.36 फीसदी हो गया है। जबकि कांग्रेसी वोट बैंक में भी दो फीसदी की ब़ढोतरी हुई है। hलकी प्रदेश में सबसे अिधक मतों से जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ही रहे। मारवाही िवधानसभा सीट वे हैिट्रक बनाते हुए 42092 मतों से विजयी घोिषत हुए हैं। वहीं प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने भी अपनी उपस्िथित दर्ज कराने में सफल रही है। उसने दो सीटों पर अपना कब्जा जमाया है।
"चावल बाबा' के नाम से प्रिसद्ध हो चुके डा. रमन सिंह की राजनीति "चावल' के इर्द-िगर्द ही उफनती रही। "राम-कृष्ण हरे-हरे, कमल छाप घरे-घरे' के नारे लगाते हुए रमन मंत्रीमंडल ने गरीबों के लिए तीन रुपये के िहसाब से प्रितमाह 35 िकलोग्राम चावल देने का वायदा ही नहीं िकया बल्िक उसे पूरा भी किया। वहीं सरकार ने िकसानों के लिए अपनी पूरी झोली खोल दी और ब्याज दर 14 फीसदी से घटाकर तीन फीसदी कर दिया। इसका उसे फायदा भी हुआ। इसकेे अलावा महंगाई,गरीबों के साथ न्याय, गांवों के विकास व रोजगार के साथ ही नक्सलवाद का मुद्दा भी प्रभावी रहा। हालांिक कांग्रेस ने तीन रुपये के बदले दो रुपये चावल देने का वादा चुनावी घोषणा पत्र ने किया लेकिन भाजपा ने एक रुपये किलो चावल देने का गुगली फेंककर कांग्रेस को घेर लिया। वहीं रमन सिंह का सौम्य छवि भी कांग्रेस के िलए भारी प़डा। बतौर मुख्यमंत्री वे चुनावी सभाओं में गये जिसके सामने अजीत जोगी टिक नहीं सके। यही नहीं आपसी कलह की वजह से कांग्रेस न तो भ्रष्टाचार का मुद्दा सकी और न ही सत्त्ाा विरोधी लहर (एंटी इनकंबेन्सी ) का ही लाभ ले सकी। अनमने ढंग से ही सही लेिकन नक्सिलयों के मुद्दे पर मौन रहने वाली कांग्रेस पार्टी को नक्सल प्रभािवत क्षेत्रों में भी करारा झटका लगा और बस्तर, बीजापुर समेत अन्य क्षेत्रों में उसे मुंह की खानी प़डी। वहीं भाजपा के लिए सलवा जुडूम अिभयान रंग लाया। जहां उसे मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिला। िवश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस ने मतदाताओं के सामने बेहतर िवकल्प पेश नहीं किया परिणामत: भाजपा को फायदा हुआ।
राज्य के इितहास मेें पहली बार बुलेट (नक्सली धमकी) पर बैलेट (लोकतंत्र) भारी रहा। सूबे के नक्सल प्रभािवत बस्तर, सरगुजा, बीजापुर व नारायणपुर समेत अन्य इलाकों में मतदाताओं ने भाजपा को जीताकर एक संदेश भी िदया है िक सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ जो सलवा जुडूम अभियान चलाया था वह जनता के हितों की रक्षा के लिए ही था। इन इलाकाें में 61 फीसदी मतदान इस बात का गवाह है कि आने वाले िदनों में इस इलाके में लोकतंत्र का ही बयार बहेगा। सारे पूर्वानुमान को तो़डते हुए नक्सल प्रभािवत इलाकों में भाजपा की भारी जीत सूबे में ही नहीं, देशव्यापी राजनीितक प्रेक्षकों के सामने एक सवाल ख़डा कर दिया है। नक्सली प्रजातंत्र के िवरोधी तो रहे ही हैं। वे भाजपा को एक सांप्रदाियक पार्टी भी मानते रहे हैं। बावजूद इसके इस क्षेत्र में नक्सिलयों की ब़ढी गतिविधियों व वारदातों के बाद भी आिदवासी बहुल बस्तर के लोगों ने भाजपा को अपना िवश्वास देकर सबको चौंका दिया है। गौरतलब है िक चुनाव के पूर्व मानवािधकार संगठनों के यह दावा किया था िक नक्सली आतंक व सलवा जुडूम के कारण दिक्षणी बस्तर के ही 200 से अिधक गांव खाली हो गये हैं जबिक मतदान के बाद इस बात का खुलासा हुआ है िक पूरे बस्तर संभाग में 55 मतदान केन्द्रों पर ही नक्सलियों की धमकी का असर दिखा।
इस चुनाव में सरकार के खिलाफ माहौल नजर नहीं आया। फिर भी सरकार में शािमल कई िदग्गजों को हार का मुंह देखना प़डा। केन्द्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी से ही आत्ममंथन में जुट गयी है। एक ओर जहां सत्त्ााधारियों में िवधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय, स्कूल िशक्षा मंत्री अजय चन्द्राकर, कृिष मंत्री मेघाराम साहू, आवास एवं पर्यावरण मंत्री गणोशराम भगत, सत्यानन्द राठिया चुनाव हार गये वहीं प्रदेश में नक्सलियों के घोर िवरोधी रहे कांग्रेसी नेता महेन्द्र सिंह कर्मा, कांग्रेस िवधायक दल के उपनेता भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा को भी हार का मुंह देखना प़डा। राज्य के चुनावी इितहास में यह पहला मौका है जबिक चुनाव ल़डने वाले सभी प्रमुख दलों के प्रदेश अध्यक्षों को िशकस्त का सामना करना प़डा।
फिर भी भाजपा का यह जनादेश कांटों भरा ताज है। आने वाले दिनों में अपने चुनावी वायदे पर सरकार को खरा उतरना होगा तभी यह िवश्वास स्थायी जनाधार में तब्दील हो सकता है। सूबे के परिणाम ने स्पष्ट िकया है ब़डे चुनावी मुद्दे न ही राज्यों पर हावी होता है और ही राज्यों के मुद्दे लोकसभा चुनाव में ज्यादा कारगर सािबत हो सकते हैं।
िदग्गज हारे
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष िवष्णुदेव साय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष नोबेल वर्मा
िवधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय
नेता प्रितपक्ष महेन्द्र सिंह कर्मा
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता भूपेश बघेल
स्कूल िशक्षा मंत्री अजय चन्द्राकर
कृिष मंत्री मेघाराम साहू
आवास एवं पर्यावरण मंत्री गणोशराम भगत
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िदग्गज जीते
राजनांदगाव से मुख्यमंत्री रमन सिंह विजयी
मरवाही से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी विजयी
कोटा से कांग्रेस की डा. रेणु जोगी विजयी
रामविचार नेमात (गृहमंत्री)
बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), राजस्व मंत्री
अमर अग्रवाल (बिलासपुर), नगरीय प्रशासन मंत्री
राजेश मूणत (रायपुर पश्िचम) पीडब्लूडी मंत्री
दुर्ग से भाजपा के हेमचंद यादव
िबलासपुर िसटी से भाजपा के अमर अग्रवाल
कांकेर से भाजपा की सुिमत्रा मरकोले
दंतेवा़डा से भाजपा के भीमा मांडवी ने
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